
Drug License canceled : भारत सरकार ने नकली और घटिया दवाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। सरकार निर्माताओं के खिलाफ कार्यवाही कर रही है जो इस तरह की दवाएं बनाते हैं। इस क्रम में, पिछले 15 दिनों में 18 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन कंपनियों को देश के 20 राज्यों में स्थित होने के कारण कार्रवाई की गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ये कंपनियां घटिया दवाओं का निर्माण कर रही हैं।
सरकार ने 18 कंपनियों के लाइसेंस रद्द करने के साथ ही तीन कंपनियों के उत्पाद मंजूरी को भी निरस्त कर दिया है। संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर, इन कंपनियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 20 राज्यों में दवा निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें दिल्ली, बिहार, हरियाणा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बंगाल, आंध्र प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना शामिल हैं। सरकार के मंत्रालय ने बताया है कि दवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निरीक्षण की कार्रवाई जारी रहेगी।
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औचक निरीक्षण में गड़बड़ी पकड़ी
सरकार ने दवा निर्माता कंपनियों की निरीक्षण की प्रक्रिया को जारी रखा है। मंत्रालय ने बताया है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया ने पिछले 15 दिनों में 76 दवा निर्माता कंपनियों का निरीक्षण किया है। इन कंपनियों पर खबरों के आधार पर केंद्र व राज्य सरकारों की संयुक्त टीमों ने औचक निरीक्षण किया है। इसका अहम मकसद दवाओं की गुणवत्ता को कायम रखना है।
दवा निर्माता कंपनियों का निरीक्षण करने का अहम मकसद यह था कि नकली और मिलावटी दवाओं के उत्पादन को रोका जाए और गुड मैन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिस के पालन की जांच की जाए। उन्होंने 203 फार्मा कंपनियों की पहचान की और पहले चरण में 76 दवा कंपनियों का निरीक्षण किया।
Drug License canceled
सूत्रों के मुताबिक, इस विशेष अभियान के तहत, नियामकों ने 203 फर्मों की पहचान की है। इन कंपनियों में बहुमत मध्य प्रदेश (23), उत्तराखंड (45) और हिमाचल प्रदेश (70) से हैं।
हाल ही में, भारत में बनाई जाने वाली कंपनियों द्वारा निर्मित दवाओं की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं।
फरवरी में, तमिलनाडु स्थित ग्लोबल फार्मा हेल्थकेयर ने अमेरिका में दृष्टि हानि से जुड़ा माना जाने वाला आंखों का ड्रॉप वापस लिया। इससे पहले, गंभिया और उज़्बेकिस्तान में पिछले साल बच्चों की मौत से जुड़े दावे में भारत में बनाई गई कफ सिरप शामिल थे।