World peace is being disrupted by America : चीन ने अमेरिका को शांति में बाधक बताया है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में बरबाद करता है। पेंटागन ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें चीन की सैन्य क्षमता के विस्तार पर विवरण था। चीन ने इसका अब जवाब दिया है।

चीन और अमेरिका के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ रहा है। चीन और रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है। पेंटागन ने चीन की सैन्य क्षमता के विस्तार पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इसके बाद चीन ने अमेरिका को ‘क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा में विघटक’ बताया।
पेंटागन की रिपोर्ट के अनुसार, चीन को अमेरिका दक्षिण चीन सागर और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपने लिए खतरा मान रहा है। चीन ने अमेरिका को विश्व में सुरक्षा और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा बाधक बताया है।
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अमेरिका द्वारा दुनिया की शांति में बाधा डाली जा रही है (World peace is being disrupted by America)
इस तनावपूर्ण माहौल में दोनों देशों के बीच बातचीत और समझौते की बहुत ज़रूरत है। दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए उन्नति और सहयोग बहुत ज़रूरी हैं।
यह वक़्त है कि हम विभिन्न राजनीतिक और सांस्कृतिक विचारों को समझकर, बातचीत के ज़रिये से समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करें। दुनिया के लिए समृद्धि और शांति की दिशा में मिलकर काम करना हम सभी की जिम्मेदारी है।
चीन के रक्षा मंत्रालय ने पेंटागन की रिपोर्ट के निष्कर्षों को गलत बताया है। उनका दावा है कि अमेरिका ने इजराइल और यूक्रेन को सामर्थ्य युद्ध सामग्री भेजी है, जिससे विश्व में सैन्य प्रतिष्ठानों के निर्माण में बाधा डाल रही है। इस पर अमेरिका के पक्षपाती या संविदानिक उद्देश्यों का जिक्र नहीं है।
पेंटागन की रिपोर्ट ने परमाणु शक्ति विस्तार को चेताया
पेंटागन की रिपोर्ट ने परमाणु शक्ति के तेजी से विस्तार को चेताया है और उसने इसे चीन के संरक्षित राष्ट्रीय हितों के खिलाफ देखा है। यह द्विपक्षीय संबंधों में एक नई कठिनाई का रूप देता है।
2018 के बाद से चीन-अमेरिका संबंध खराब हो रहे हैं, इसमें मार्केटिंग विवाद और ताइवान विवाद की बढ़ती तनावपूर्ण घटनाएं शामिल हैं। चीन भी ताइवान के साथ अपनी सीमा को लेकर सख्त हो रहा है। पेंटागन की रिपोर्ट में चीन के विकास को एक नई सुरक्षा चुनौती के रूप में देख रही है।
चीन के रक्षा मंत्रालय का दावा
चीन के रक्षा मंत्रालय का दावा है कि पेंटागन रिपोर्ट उनके बारे में गलत जानकारी पेश कर रही है। उनका मानना है कि अमेरिका ने यूक्रेन और इजराइल को सामर्थ्य युद्ध सामग्री भेजकर दुनिया भर में सैन्य प्रतिष्ठानों को ख़तरे में डाल दिया है। चीन की नज़र से यह अमेरिका की अपराधिक और संविदानिक चालाकी है।
पेंटागन की रिपोर्ट चीन को परमाणु शक्ति के तेजी से विस्तार की चेतावनी देती है। उसने कहा है कि चीन अपनी सेना को तेजी से बढ़ा रहा है और इससे विश्व में एक नई सुरक्षा समस्या पैदा हो सकती है।
अमेरिका और चीन के बीच संबंध 2018 के बाद से खराब हो रहे हैं। शुरुआती विवादों के बाद, अब यह मार्केट और ताइवान के मामलों में घिरा हुआ है। चीन को अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के रूप में ताइवान को देखने की नजरिया है। पेंटागन की रिपोर्ट के मुताबिक़, चीन अपनी सीमा और द्वीप क्षेत्रों में हमले की बढ़ती आपातकालिकता को बढ़ा रहा है।