‘Tiger 3’ की 4 वजहें जिनके चलते नहीं देखना चाहिए

Reasons don’t watch Tiger-3 : Salman Khan की ‘Tiger 3’ ने दीवाली के दिन रिलीज़ की गई है और इसकी चर्चा हर तरफ है. हर किसी के मन में एक सवाल है: क्या इस फिल्म को देखना चाहिए? लेकिन दरअसल, फिल्मों के बाद हमें वही सवाल हमेशा होता है – क्यों देखा जाए? और वहां कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके लिए आप फिल्म को दोबारा देखना चाहेंगे या नहीं.

Reasons don't watch Tiger-3

हमने इस फिल्म को देखा है और इसके बारे में हमारे दिमाग में कुछ खांचे बने हैं। वहाँ कुछ कारण हैं जिनके चलते आपको इस फिल्म को देखना चाहिए, और कुछ ऐसी वजहें भी हैं जो शायद आपको फिर से इसे देखने के लिए मना कर दें।

फिल्म को देखने की सबसे बड़ी वजह

फिल्म को देखने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह एक सुपरहिट एक्शन फिल्म है, जिसमें सलमान खान का दमदार प्रदर्शन है। फिल्म में उनकी स्टाइल और कार्रवाई को देखकर आपका हौंसला बढ़ेगा।

दूसरी वजह यह है कि फिल्म की कहानी में रोमांस और थ्रिल है, जो आपको फिल्म के साथ जोड़े रखेगा। इसमें ट्विस्ट और टर्न्स हैं जो आपको हैरान कर देंगे।

तीसरी वजह यह है कि फिल्म की गति और ग्राफिक्स देखने लायक हैं। एक्शन सीन्स और विशेष प्रभाव आपको अपनी सीट से उठने पर मजबूर कर देंगे।

चौथी और अंतिम वजह है कि यह एक सलमान खान की फिल्म है जो हमेशा ही बड़ा धमाका करती है। उनके फैंस के लिए यह एक नई रोमांचक यात्रा है और उन्हें इसका आनंद लेना चाहिए।

इसलिए, यदि आपको एक जबरदस्त एक्शन और रोमांस की फिल्म देखनी है जिसमें सलमान खान शानदार हैं, तो आपको ‘टाइगर 3’ जरूर देखनी चाहिए। लेकिन इसके बावजूद, हम नीचे कुछ कारण बता रहे हैं जो आपको इसे देखने से रोक सकते हैं।

यह भी पढ़ेंशाहरुख खान और उनकी बेटी सुहाना की एक नई एक्शन फिल्म का टाइटल अब सामने आया है

फिल्म को नहीं देखने की सबसे बड़ी वजह

1) बकवास स्क्रीनप्ले और कमज़ोर लिखाई Reasons don’t watch Tiger-3

यहां भारत में, खासकर बॉलीवुड में, एक पैटर्न बन गया है। जब कोई डायरेक्टर किसी बड़े एक्टर के साथ फिल्म बनाता है, तो वह ध्यान देता है सिर्फ उस एक्टर के स्टारडम को। उन्हें बस उस एक्टर की चमकदारी को कैश करना है। ‘टाइगर 3’ में यही सबसे बड़ी चुनौती है। इस फिल्म का लेखन विभाग बहुत ही जटिल है, क्योंकि आदित्य चोपड़ा और श्रीधर राघवन ने मिलकर एक कॉम्प्लेक्स कहानी बनाई है। इसे समझने के लिए दर्शकों को समय चाहिए, लेकिन ‘टाइगर 3’ ऐसा समय नहीं देती।

इसके साथ ही, यह एक ऐसी कहानी भी नहीं है जिससे आम दर्शक आसानी से जुड़ाव महसूस कर सकें। ‘टाइगर 3’ एक सीरियस फिल्म है, और इसे एक पॉलिटिकल थ्रिलर भी कहा जा सकता है। इसलिए, यह एक पूरी तरह से मसाला फिल्म नहीं है जो आम दर्शकों को आकर्षित कर सके।

“2) फिल्म में अच्छे डायलॉग्स की कमी

जब आप सलमान खान के साथ कोई फिल्म बना रहे हैं, तो आपको विशेषकर उनके फैन्स को वह माजा देना होता है, जिसके लिए वे पिक्चर देखने आए हैं। क्योंकि उन मसालों का स्वाद उन्हें आप जैसे फिल्ममेकर्स ने ही दिलाया है। वहाँ कुछ ऐसे मजेदार डायलॉग्स होते हैं जो ट्रेलर के बाद से ही दर्शकों के दिलों में बस जाते हैं। फिल्म के प्लॉट को छुपाए रखने के लिए, अगर आप उन्हें ट्रेलर में नहीं डाल सकते, तो फिल्म में वही बातें होनी चाहिए।

‘Tiger 3’ में यही चीज़ थोड़ी कम है। फिल्म में एक ही डायलॉग है, जो आपको फिल्म देखने से पहले ही पता था – ‘जब तक टाइगर मरा नहीं, तब तक टाइगर हारा नहीं’। इसके अलावा, फिल्म में उस स्तर के और कोई मार्का डायलॉग नहीं है, जो दर्शकों को फिल्म देखने के बाद भी याद रहे। यही बात फिल्म को देखने के बाद सबसे अधिक निराश करती है।

3) इमरान हाशमी एक कमज़ोर विलन रूप में

‘पठान’ के फैन्स को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली चीज़ में से एक था फिल्म का विलन जॉन अब्राहम का किरदार। जॉन अब्राहम एक अच्छे एक्टर की तरह प्रस्तुत नहीं हैं, लेकिन उन्होंने अपने किरदार को बहुत अच्छे ढंग से पोर्ट्रेट किया। इस बार ‘टाइगर 3’ में, जो एक्टिंग क्षेत्र में उम्मीद थी, उसे इमरान हाशमी ने विशेष रूप से उत्तराधिकारी नहीं किया है।

फिल्म में उनकी कला को सहारा नहीं मिला है, और उनका किरदार लिखाई की अज्ञानता के कारण मायूसीपूर्ण लगता है। ट्रेलर में जिस तरह से उनकी उपस्थिति को छुपाया गया था, उससे उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन फिल्म में उन्होंने वही स्तर नहीं प्रदर्शित किया। आतिश की बैकस्टोरी, जो अच्छी है, परंतु उन्हें उस हालत में दिखाया गया है कि वह टाइगर से मुकाबला कर सकता है, वह वास्तविकता में नहीं था।

‘टाइगर 3’ में सलमान खान के साथ कटरीना कैफ, इमरान हाशमी, रेवती, विशाल जेठवा, रिधि डोगरा, कुमुद मिश्रा, अनंत विधात, और वरिंदर सिंह गुमान जैसे अभिनेता अच्छा काम किया हैं। मनीष शर्मा ने ‘टाइगर 3’ फिल्म का निर्देशन किया है।

4) फिल्म का गति में बदलाव

‘टाइगर 3’ ने अपनी रफ्तार को बनाए रखने के लिए काफी प्रेशर लिया है। इस फिल्म को कई मौकों पर बेहद तेज़ दिखाया गया है, जबकि कुछ मौकों पर इसकी गति धीमी पड़ जाती है। इससे फिल्म को देखते समय अनिवार्य रूकावटें आती हैं, जिससे पिक्चर ढीली लगती है।

इसके अलावा, सलमान खान की एक्टिंग से लगता है कि वे थके हुए हैं, जैसे कि कोई उनसे जबरदस्ती फिल्म करवा रहा है। उनमें वह ऊर्जा और दृढ़ता की कमी महसूस होती है। एक व्यक्ति से जिन्हें एक 300 करोड़ की फिल्म की जिम्मेदारी है, उन्हें इस तरह का महसूस होना नहीं चाहिए।

स्पाय यूनिवर्स ने हमेशा उन फिल्मों को प्रमोट किया है जिनमें एलीवेशन सीन्स, इमोशन, और सुपरस्टार्स का स्टार पावर होता है। लेकिन ‘टाइगर 3’ में न तो वो एलीवेशन सीन्स हैं, और न ही इमोशनल डेप्थ। यह बिल्कुल एकदम फ्लैट स्टोरीटेलिंग की जाती है।

Reasons don’t watch Tiger-3