राहुल गांधी को संसद सदस्यता कैसे वापस मिलेगी और क्या वे लोकसभा चुनाव में लड़ पाएंगे, ये है विकल्प

What option does Rahul Gandhi : शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता को रद्द कर दिया है। इसका कारण है कि सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई है।

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शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी, क्योंकि सूरत कोर्ट ने मानहानि केस में उन्हें दो साल की सजा दी है। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी कोर्ट से दोषी ठहराए जाने के बाद स्वतः ही अयोग्य हो गए थे। इससे संबंधित कुछ सवाल जो लोगों के मन में हैं उनमें से कुछ हैं – राहुल की सदस्यता क्यों गई?

सदस्यता जाने के नियम क्या हैं? क्या उनका बंगला भी छीना जाएगा? कांग्रेस की पकड़ कमजोर हो जाएगी? कितने साल तक राहुल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे? क्या दोबारा सदस्यता मिल सकती है? इन सभी सवालों के जवाब में लोगों को अधिक जानकारी की आवश्यकता होती है।

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता क्यों छिनी?

दो साल पहले राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक सभा में एक बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी चोरों को मोदी का सरनेम क्यों मिलता है, जैसे नीरव मोदी आदि। भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके इस बयान को आधार बनाकर उनके खिलाफ सूरत में आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था।

राहुल गांधी ने इस केस में तीन बार सूरत कोर्ट में पेश होने का फैसला किया था। बुधवार को कोर्ट ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया जिसमें उन्हें दो साल की सजा और जमानत दोनों ही दी गई। अब उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपील करने के लिए 30 दिनों का समय दिया गया है।

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किस नियम के तहत गई लोकसभा की सदस्यता?

लोकसभा सचिवालय ने शुक्रवार को बताया कि राहुल गांधी अब सांसद के सदस्य नहीं है। इसका कारण संविधान के अनुच्छेद 102 (1) (e) और जनप्रतिनिधि कानून 1951 है।

वास्तव में, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के अनुसार धारा 8 (1) और (2) बताती है कि यदि कोई सांसद या विधायक हत्या, दुष्कर्म, धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर शत्रुता पैदा करता है या किसी आतंकी गतिविधि या संविधान को अपमानित करने जैसे षडयंत्र में शामिल होता है तो संसद और विधानसभा से उसकी सदस्यता रद्द की जाती है।

इसके अलावा, इसी अधिनियम की धारा 8 (3) कहती है कि यदि किसी अपराध में विधायक या सांसद को दोषी ठहराया गया हो या दो साल से अधिक सजा सुनाई गई हो तो वह विधायक या सांसद सदस्यता से अलग कर दिए जाने के योग्य होता है। उसे 6 साल तक चुनाव लड़ने का भी प्रतिबंध हो सकता है।

राहुल क्या कर सकते हैं अब आगे?

राहुल गांधी के पास अब सूरत कोर्ट के फैसले के विरोध में अपील करने का मौका है। यदि ऊपरी अदालत से सजा पर रोक लग जाती है तो सदस्यता वापस ली जा सकती है। राहुल के पास ट्रायल कोर्ट के अलावा हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट जाने का रास्ता भी खुला है।

वायनाड में भी होंगे उपचुनाव? या बंगला भी छीन लिया जाएगा?

सदस्यता रद्द होने के बाद, राहुल गांधी को मध्य दिल्ली में अपने सरकारी बंगले को खाली करने के लिए निर्देश दिए जाने की संभावना है। वायनाड में उप चुनाव भी होंगे। इसलिए क्योंकि सदस्यता रद्द कर दी गई है, वायनाड सीट खाली हो गई है। चुनाव आयोग जल्द ही यहां उप चुनाव करा सकता है।

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