Modi जी की नाकामी से 8 भारतीय सैनिकों को मौत की सजा Qatar Revenge

Death sentence to 8 Indian soldiers : जब भारत में दशहरा मनाया जा रहा था जब भारत में इजरायल की आरती उतारी जा रही थी जब भारतीय मीडिया इजरायली कोठी का डांसर बन चुका था,

Death sentence to 8 Indian soldiers

तब नाविक राकेश समेत 8 भारतीय पूर्व नेवी ऑफीसर्स को जो कतर की नवी को ट्रेनिंग देते थे उनको कतर के अदालत ने एक साथ मौत की सजा सुना दी भारत माता की इन वीर सपूतों को कतर में सितंबर 2022 को गिरफ्तार किया, मार्च में आरोप तय कर दिए गए और सबको सजा मौत की सजा सुना दी गई, यह सारे भारतीय अधिकारी कतर की दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजी का नाम के कंपनी में काम करते थे,

यह कंपनी कतर के लिए एक ऐसी सबमरीन बना रही थी जिसको कोई रडार नहीं पकड़ सके इस कंपनी में 75 भारतीय नागरिक कर्मचारी थे इनमें से ज्यादातर भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी ही थे,

मई में कंपनी ने कहा था कि वह एक 31 मई 2022 से काम बंद कर देगी उसके बाद जासूसी के आरोप में 8 भारतीय नेवी के पूर्व अवसरों को गिरफ्तार कर लिया गया,

Death sentence to 8 Indian soldiers

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह आरोप लगाया गया कि गिरफ्तार किए गए भारत के पूर्व नेवी ऑफीसर्स ने इस सबमरीन की खुफिया जानकारी इसराइल को दी है यानि भारतीय नौसेनिकों पर इजरायल के लिए जासूसी करने के आरोप भी लगाए गए,
भारतीय ऑफिसर्स को यह सजा उसे समय सुनाई गई, जब इसराइल एक मुस्लिम कंट्री फिलिस्तीन पर बम बरसा रहा है,

फिलिस्तीन के निर्दोष लोगों को बेरहमी से मार रहा है और इसी समय भारत ने इसराइल को अपना फूफा बना रखा है हेरानी की बात यह है की… बिना आधिकारिक तौर पर गिरफ्तारी की वजह साझा किया हमारे सैनिकों को गिरफ्तार कर लिया जाता है और भारत की सरकार चूं तक नहीं करती है,

इजरायल के लिए मोदी छाती पीट हैं ट्वीट पर ट्वीट करते लेकिन उसी इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में हमारे आठ भारतीय सैनिकों को कतर में मौत की सजा सुना दी जाती है और प्रधानमंत्री के मुंह से थूक तक नही निकलती है,
कुछ रिपोर्टर्स में तो यह दावा भी किया गया है कि भारतीय सैनिक को कतर और भारत के समझौते के तहत वहां काम करने के लिए भेजा गया था और अगर ऐसा है तो क़तर को इस वक़्त अपनी पॉवर दिखाने का समय आ गया है कि भारत के सैनिकों को हाथ लगाने का मतलब क्या होता है,

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दोगली दलाल बिकाऊ भ्रष्ट सरकारी गुलाम और झूठी मीडिया

दोस्तों हमारे देश की दोगली दलाल बिकाऊ और भ्रष्ट सरकारी गुलाम और झूठी मीडिया यह तो नाच नाच कर बताती है कि इजरायल की सरकार अपने देश के किसी भी नागरिक की मौत का बदला कहीं भी जाकर ले सकते हैं,

इजरायली नागरिक को छूने की हिम्मत किसी भी देश की नहीं है लेकिन वही दलाल और सरकारी गुलाम मीडिया कभी भी अपने देश की सरकार से यह नहीं पूछता है कि कतर की औकात कैसे हो गई कि हमारे सैनिकों को सजा देती हमारे सैनिकों को मौत की सजा सुनाने की और वह भी गुपचुप तरीके से सजा सुनाने की औकात कतर की कैसे हो गई,

कभी नहीं पूछता जिन 8 हमारे भारतीय नेवी के पूर्व जवानों को कतर में फांसी की सजा सुनाई है उनमें से तीन रिटायर्ड कैप्टन है चार कमांडर है और एक नाविक है यानी भारत के विशेष लोग हैं सम्मानित लोग हैं देश की सेवा करने वाले लोग हैं जिनका 2022 के सितंबर से सरकार ने कतर में सड़ने के लिए छोड़ दिया है,

वैसे तो मोदी जी का डंका बहुत बजता है और हर देश में बजता है सारे देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति उनके ऑटोग्राफ के लिए परेशान रहते हैं सारे देश उनके चेले बताए जाते हैं इनको विश्व गुरु बताया जाता है तो कहां गया विश्व गुरु ?