Iran warning on Israel’s terrorist activities इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के दौरान ईरान ने इजराइल को एक बड़ी चेतावनी दी है। इस चेतावनी के तहत ईरान ने कहा है कि अगर ‘इजराइल की सेना गाजा पट्टी में कदम रखती है, तो वहां उन्हें दफना दिया जाएगा।’ इसके अलावा, इजराइल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध तेजी से बढ़ रहा है। हमास की सेना ने हाल ही में 7 अक्टूबर को इजराइल पर एक महत्वपूर्ण हमला किया, जिसमें कुछ इजराइली सैनिकों को मार गिरा दिया गया और कई लोगों को बंधक बनाया गया।

इस घटना के बाद इजराइल ने गाजा पट्टी पर अपने खतरनाक हथियारों से हमला किया। वह फिलिस्तीनी नागरिकों को खतरनाक केमिकल बमों से मार रहे हैं। यह स्थिति अब भी जारी है। इस दौरान, कल गुरुवार को, इजराइली सैनिक और टैंक्स ने थोड़ी देर के लिए गाजा सीमा में घुसा और अत्याचार मचाया। ईरान ने इस बरबरता पर इजराइल को खुली चेतावनी दी है कि अगर इजराइली सैनिक ने गाजा में कदम रखा तो उन्हें वहां दफन कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें – अमेरिका ने दुनिया की शांति में बाधा डाली है, पेंटागन की रिपोर्ट के जवाब में चीन ने दिया बयान
Iran warning on Israel’s terrorist activities
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच 20 दिनों से जंग जारी है। फिलिस्तीन उत्तर में लेबनान के नज़दीक मौजूद है, जहां हिजबुल्ला के लड़ाके उत्तरी इजराइल पर हमले कर रहे हैं। ईरान उन्हें समर्थन मुहैय्या कर रहा है। इजराइल के ‘इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स’ के कमांडर इन-चीफ जनरल होसिन सलामी ने कहा है कि इजरायल के पास विकल्प नहीं है। वे गाज़ा की ज़मीन पर आने की कोशिश करेंगे, तो उन्हें वहीं मार दिया जाएगा। गाज़ा के ड्रैगन उन्हें खा सकते हैं। और अगर वे वहाँ जाते हैं, तो वहीँ उन्हें दफनाया जाएगा। ईरान के होसिन सलामी का यह खुला चेतावनी है कि इजराइल को आगे बढ़ने के लिए कोई रास्ता नहीं है। उन्हें लगता है कि वे अपराध करने के बावजूद भी बच सकते हैं।
जंग के दौरान अब तक 7,000 से अधिक निर्दोष फिलिस्तीनियों की जानें गई हैं। इस तरह, इजराइल की आतंकी गतिविधियों पर पूरी दुनिया खामोश हैऔर तमाशा देख रही है।
7 अक्टूबर को हमास की फौज ने इजराइल पर एक हमला किया था, जिसमें 400 लोगों की मौत हुई थी और 220 नागरिकों को बंधक बनाया गया था। इसके बाद इजराइल ने फिलिस्तीन को ख़त्म करने किसम खाई और गाज़ा में लगातार एयर सट्राइक कर रहा है।
हमास की सेना को ईरान सपोर्ट करता है और ईरान को चीन
हमास की फौज को ईरान समर्थन देता है और चीन इजराइल के मानवता के खिलाफ देखता है। इससे अमेरिका निराश है, क्योंकि उनका मानना है कि चीन ईरान का प्रभाव बढ़ा रहा है और ईरान ने हमास की फौज का प्रमुख समर्थन किया है।
नोट NOTE – फिलिस्तीन अपनी फौज नहीं रख सकता जबकि वह एक देश है और फिलिस्तीन अपनी छोटी-मोटी फौजी बनाता है तो अमेरिका जैसे देश उसे आतंकी संगठन मान लेते हैं। भारत में अंग्रेजी हुकूमत के समय ‘सुभाष चंद्र बोस ने अपनी एक फौजी बना रखी थी जिसका नाम था “आजाद हिंद फौज” तो क्या वह एक आतंकी संगठन था ? यह एक सवाल है’ या फिर दुनिया सिर्फ मुस्लिम देखकर ही उसे आतंकी नाम दे देते हैं ..जबकि इसराइल को आतंकी गतिविधियां करने की खुली छूट दे रखी है अमेरिका ने,
तो वही गोदी मीडिया मुस्लिम और इस्लाम के नफरत में इसराइल की आतंकी गतिविधियों पर अपना समर्थन करता है और हमास की फौज को आतंकी कहता रहता है और बेगुनाह फिलिस्तीनी नागरिकों के मारे जाने पर दिली खुशी जाहिर करता है …