दिल्ली-NCR में हवा हुई काफ़ी जहरीली, आतिशबाजी से 900 के पार पहुंची AQI

air poisonous due-to fireworks : सड़कों पर बेहद घनी धुंध छाई हुई है। विजिबिलिटी कम हो गई है और कुछ सौ मीटर से आगे कुछ भी देखना बहुत मुश्किल हो गया है। दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता काफ़ी खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।

air poisonous due-to fireworks in india

सुप्रीम कोर्ट के बैन के बावजूद, दिल्ली NCR में दिवाली की रात पूरी तरह से आतिशबाजी का आनंद लिया गया। दिवाली की सुबह राजधानी का वायु गुणवत्ता सूची (AQI) 200 पर दर्ज किया गया था, जबकि अगले दिन, 13 नवंबर को कुछ क्षेत्रों में AQI का आंकड़ा 900 के पार पहुंचा हुआ देखा गया। सुबह 5 बजे, आनंद विहार का AQI 969 दर्ज किया गया है, जो ‘खतरनाक’ श्रेणी में आता है। लोधी रोड पर भी AQI 900 के पार बना रहा।

स्विस ग्रुप IQAir के अनुसार, सुबह 5.30 बजे दिल्ली में AQI 514 था, जिससे फिर दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। गुरुग्राम का AQI 329 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।

दिवाली की अगली सुबह, दिल्ली के विभिन्न इलाकों से तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें सड़कों पर घनी धुंध है और विजिबिलिटी काफी कम हो गई है, कुछ सौ मीटर से आगे कुछ भी देखना मुश्किल हो गया है।

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आतिशबाजी से जहरीली हुई हवा! air poisonous due-to fireworks

DPCC (Delhi Pollution Control Committee) के अनुसार, सबसे चिंताजनक स्थिति दक्षिणी दिल्ली के क्षेत्रों में है। AQI में वृद्धि रात 8 बजे के बाद शुरू होकर रात 11 बजे से 1 बजे के बीच अधिकतम स्तर पर पहुंच गई। प्रदूषण का स्तर रात भर में कैसे बढ़ा, इसे समझने के लिए नीचे दिए गए ग्राफ़ को देख सकते हैं।

आनंद विहार में PM 2.5 का स्तर था दिवाली की शाम 5 बजे तक 56 PPM की सीमा के अंदर था, जो आधी रात के दौरान लगभग 2000 PPM तक बढ़ गया। कम हवा और अधिक ह्यूमिडिटी के कारण, यह 1000 PPM के पार चला गया है।

12 नवंबर को लोधी रोड, RK पुरम, करोल बाग और पंजाबी बाग से हुई आतिशबाजी की कई वीडियोज सोशल मीडिया पर साझा की जा रही हैं। पोस्ट्स और रिपोर्ट्स के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर लोगों ने बड़ी संख्या में पटाखे जलाए हैं।

राष्ट्रीय राजधानी पिछले कुछ हफ्तों से प्रदूषण से सामना कर रही है। कई स्थानों पर AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया है और कई दिनों तक वायुमंडल में कड़ी बदलाव रहा है। बारिश के बाद कुछ राहत मिली थी, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिवाली के दिन वायु गुणवत्ता पिछले आठ सालों में सबसे अच्छी रही थी। अब यह चिंता है कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में फिर से वृद्धि हो सकती है।